ज्योति: प्रदिर्शो दिशान्ता
समय : 12:12 PM | दिनाँक : 26/04/2021यदि प्रदिर्शो के स्थान पर प्रदर्शो मान लिया जाए तो फिर इसका अर्थ हो जाएगा दिशाओं के अंत तक ज्योति या प्रकाश दिखे (फैले) I
समय : 07:39 PM | दिनाँक : 21/05/2021वैसे तो बिना पूरा मंत्र जाने केवल आधे का या चौथाई का अनुवाद अनुचित व अपूर्ण होता है किन्तु पुनश्च अनुवाद कर रहा हूँ -
ज्योतिः प्रदिशो (प्रदिर्शो त्रुटिपूर्ण लग रहा है) दिशान्तः
दिशाओं के छोरों व प्रदिशाओं (दिशाओं के कोनों) तक प्रकाश फैले अथवा प्रकाशित हों I
ये संभावित अनुवाद है I मंत्र की विवक्षा में गलत भी हो सकता है I